
नागपुर में खुले भूखंडों पर अतिक्रमण की जांच के सेवानिवृत्त जज नियुक्त
अनधिकृत भू-खंडों को समय के साथ नियमित करने वाली नागपुर महानगर पालिका और नागपुर सुधार प्रन्यास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट ने मनपा और नासुप्र के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है। उसकी चेतावनी को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। इन विवादित भूखंडों के नियमितीकरण की जांच के लिए नागपुर खंडपीठ ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जे.ए.हक को नियुक्त किया है। हाईकोर्ट ने उन्हें 6 माह के अंदर शहर के सभी खुले भूखंड, मैदानों और सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए हैं।
निजी व्यक्ति को लीज पर दिया था खेल का मैदान
जरीपटका नारा क्षेत्र में प्राथमिक स्कूल के लिए एक खेल मैदान आरक्षित था। नासुप्र ने इसे एक निजी व्यक्ति को लीज पर दे दिया, लेकिन याचिकाकर्ता को इस पर निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही थी, जिसके चलते उसने हाईकोर्ट की शरण ली। सुनवाई में जब कोर्ट को पता चला कि प्रशासन आरक्षित भूखंडों को निजी उपयोग के लिए दे रहा है, तो कोर्ट ने यह आदेश जारी किया।