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बैंक डूबा तो 90 दिन के भीतर ग्रा‍हकों को मिलेगी ₹5 लाख तक जमा रकम

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने  संकट में फंसे बैंकों के ग्राहकों बड़ी राहत (Relief to Stressed Bank Customers) दी है. इसके लिए कैबिनेट ने डिपॉजिट इंश्‍योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्‍ट, 1961 (DICGC Act) में किए जाने वाले संशोधनों को मंजूरी दे दी है.

कैबिनेट के इस कदम का उद्देश्‍य पीएमसी बैंक, यस बैंक (Yes Bank) और लक्ष्‍मी विलास बैंक (Lakshami Vilas bank) जैसे संकटग्रस्‍त बैंकों के ग्राहकों की मुश्किलों को कम करना है. इससे मोरेटोरियम के तहत आने वाले बैंकों (Banks Under Moratorium) के डिपॉजिटर्स को अपना पैसा निकालने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले का इंतजार नहीं करना होगा. बैंक के मॉरेटोरियम के तहत आने पर डिपॉजिटर्स 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे.

केंद्र सरकार ने किसी भी बैंक के नियमित कामकाज को निलंबित (Banking Operation Suspended) करने या रिजर्व बैंक की ओर से निगरानी में रखने पर डिपॉजिट इंश्‍योरेंस कवर (Deposit Insurance Cover) को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) रिजर्व बैंक के तहत काम करता है. बता दें कि बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा रकम सुरक्षित होने की गारंटी डीआईसीजीसी की ओर से ​होती है. डिपॉजिट बीमा के प्रावधानों के मुताबिक, बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने पर 5 लाख रुपये तक की राशि का भुगतान जमाकर्ता को किया जाता है, फिर चाहे बैंक में उसका कितना ही पैसा जमा क्यों न हो.

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