
सैनिटाइजर से भी हो सकता है ब्लॅक फंगस,जाने कैसे हो सकती है ये बीमारी
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अगर आप रास्ते में से कोई सस्ता हैंड सैनिटाइजर खरीद रहे या कोई सस्ता हैंड सैनिटाइजर उपयोग कर रहे तो सावधान हो जाइए। ये सस्ता स्प्रे सैनिटाइजर आपको नुकसान पहुचा सकता है। आज कोरोना संक्रमित व्यक्तियों में बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों में इन सैनिटाइजर की भूमिका भी नजर आ रही है।
हाल ही में सामने आई एक रिसर्च में पता चला कि ब्लैक फंगस के लिए स्टेरॉयड के अलावा धूल के कण औऱ बाजार में मिलने वाले नकली सेनेटाइजर भी जिम्मेदार है। इन सस्ते सेनेटाइजर में मेथेनॉल की मात्रा जरूरत से कहीं ज्यादा होती है। जो आंख और नाक की कोशिकाओं को मृत कर फंगस को उगाने में बेहतर वातावरण तैयार कर रही है।
इस रिसर्च में बताया गया की जब हम इन स्प्रे सैनिटाइजर को अपने चेहरे के आसपास ले जाकर छिड़काव करते हैं तो थोड़ी मात्रा इनकी हमारे आंखों और नांक में भी चली जाती है। इससे वहां के रेटिना समेत आखाें व नांक की कोशिकाएं मृत हो जाती हैं। इन सेनेटाइजर में 5 फ़ीसदी के आसपास मिथेनॉल है जो फंगस के उगने का बेहतर वातावरण तैयार करता है। इससे आंखों के रेटिना ख़राब होने के साथ ही रोशनी धीरे धीरे कम होती है और व्यक्ति अंधा होता जाता है।