धानुका ग्रुप मना रही है आज़ादी का अमृत महोत्सव, कृषि के माध्यम से भारत में बदलाव लाने के लिए कार्यरत
कंपनी किसानों और कृषि क्षेत्र को लाभान्वित करने के लिए कर रही है आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, रोबोटिक्स, एआई और फसल सुरक्षा की नई तकनीकों का उपयोग
कंपनी कृषि समुदाय को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए नागपुर में एग्रोविज़न में हिस्सा ले रही है
नागपुर, 23 दिसम्बर-(महानगर प्रतिनिधि)
‘‘ट्रांसफोर्मिंग इंडिया थ्रू एग्रीकल्चर यानि कृषि के माध्यम से भारत में बदलाव’ लाने के दृष्टिकोण के साथ, देश की अग्रणी एग्रो-कैमिकल कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड कृषि क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निवेश कर रही है। अपने इन प्रयासों के साथ कंपनी देश में फसल उत्पादन को बढ़ाने तथा भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए प्रयासरत है।
‘ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकें भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इन तकनीकों के उपयोग द्वारा खेती की उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।’ श्री आर.जी. अग्रवाल, ग्रुप चेयरमैन, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने ‘ट्रांसफोर्मिंग इंडिया थ्रू एग्रीकल्चर’ विषय पर आयोजित एक प्रेस सम्मेलन के दौरान कहा।
‘धानुका कृषि की आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, रोबोटिक्स और प्रेसीज़न कृषि के साथ फसल सुरक्षा की आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।’ उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा।
आधुनिक तकनीकों के उपयोग द्वारा किसानों को सशक्त बनाने के प्रयास में कंपनी ने गोविंद बल्लभ पंत युनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी की है और ऐसे कई क़रार कर रही है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि चीन में फसल उत्पादन और उत्पादकता भारत की तुलना में अधिक है, हालांकि दोनों देशों में बुवाई का क्षेत्रफल तकरीबन एक समान है।
‘भारत और चीन के बीच बुवाई के क्षेत्रफल में ज़्यादा अंतर नहीं होने के बावजूद, चीन के कृषि क्षेत्र का उत्पादन भारत से तीन गुना अधिक है। अच्छी गुणवत्ता के उत्पादों का उपयोग चीन में उत्पादकता अधिक होने का मुख्य कारण है। वहीं दूसरी ओर भारत में खराब गुणवत्ता के उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके चलते देश में उत्पादन और उत्पादकता कम है।’ उन्होंने कहा।
‘ऐसे में कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाना समय की मांग है और आने वाले समय में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी बेहद कारगर होगी।’ श्री अग्रवाल ने कहा।
कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग से फसल सुरक्षा मोलीक्यूल्स का सही उपयोग किया जा सकेगा, साथ ही इसमें पानी की ज़रूरत कम होगी और समय भी कम लगेगा। इस तकनीक से मैनपावर की आवश्यकता भी कम हो जाएगी, ऐसे में किसानों के हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने की संभावना कम होगी।’ उन्होंने बताया।
‘ट्रांसफोर्मिंग इंडिया थ्रू एग्रीकल्चर’ के दृष्टिकोण के अनुरूप धानुका एग्रीटेक आधुनिक तकनीकों को अपनाने में अग्रणी रही है।’ श्री अग्रवाल ने कहा।
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के बारे में
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड भारत की अग्रणी एग्रो-कैमिकल कंपनियों में से एक है और बीएसई एवं एनएसई पर सूचीबद्ध है। कंपनी की तीन मैनुफैक्चरिंग युनिट्स गुजरात, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में स्थित हैं। वर्तमान में कंपनी के देश भर में 39 वेयरहाउस और 8 शाखा कार्यालयों का विस्तृत नेटवर्क है, जो 6500 डिस्ट्रीब्यूटरों और 75,000 डीलरों को सेवाएं प्रदान करते हैं।
धानुका ने यूएस, जापान और यूरोप सहित दुनिया की अग्रणी एग्रो-कैमिकल कंपनियों के साथ साझेदारियां की हैं, जिसके माध्यम से वे भारतीय किसानों तक आधुनिक तकनीकें उपलब्ध कराते हैं।
धानुका के स्टाफ में 1000 टेकनो-कमर्शियल कर्मचारी शामिल हैं, जो कंपनी के आर एण्ड डी विभाग और सशक्त वितरण नेटवर्क के सहयोग से काम करते हुए 10 मिलियन भारतीय किसानों को अपने प्रोडक्ट और सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।